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भेड़िया और बच्चे की कहानी(चतुराई)

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भेड़िया और बच्चे की कहानी

एक बार एक भेड़िया एक गाँव के करीब से गुज़र रहा था।

एक छोटा लड़का, गुज़रते हुए भेड़िया की तरफ़ घूर रहा था,

घूरते घूरते उसे बुरा-भला कहने लगा गुस्से में अपमान करने लगा। भेड़िया और बच्चे की कहानी

उतने मैं भेड़िया जंगल मैं भाग गया। बच्चा यह सोचकर कि भेड़िया डरके भाग गया है, तो भेड़िया का पीछा करने लगा।

पीछा करते करते बच्चा जंगल मैं पहंच गया। जैसे ही बच्चा ने इधर उधर देखा तो वो जंगल मैं अकेला था।

जिस समय पे बच्चा जंगल मैं पहंचा, उस समय सूरज डूब रहा था।

उसी बक्त बच्चा को जंगल से डरावनी आवाज़ें सुनाई दे रही थीं। बच्चा अपनी घर जाने के लिए रोते हुए काँप रहा था।

और वहाँसे थोड़ा आगे पेड़ों के झुरमुट के पास, भेड़िया था! भेड़िया और बच्चे की कहानी

बच्चा ने भेड़िया को देख लिया।
“कृपया, मिस्टर वुल्फ,” बच्चा ने काँपते हुए कहा,

“मुझे पता है कि तुम मुझे खा जाओगे। किउंकि मैंने तुमको अपमान किआ था।

मुझे खाने से पहले कृपया मुझे कोई आछा सा धुन सुनाओ क्योंकि मैं मरने से पहले नाचना चाहता हूँ,

और जब तक हो सकता हे मौज-मस्ती करना चाहता हूँ। भेड़िया और बच्चे की कहानी

“भेड़िये को अपने बड़े भोजन से पहले थोड़ा संगीत सुनाने का विचार अच्छा लगा।

और भेड़िया ने सोचते हुए एक मजेदार गाना बजाया।

और बच्चा भागने के लिए मन ही मन सोच लिया था और तेजी से उछल कूद करने लग गया और किधर से भागेगा तलाशी करने लगा।

गाना मैं नाचते नाचते बच्चा ने भेड़िया से थोड़ा थोड़ा करके दूर जाने लगा। इस बीच बच्चा ने गहरा जंगल से थोड़ा बहार आगया।

बच्चा को इतना खुस देख के भेड़िया भी बच्चा के साथ नाचने लगा। भेड़िया और बच्चे की कहानी

और नाचते नाचते इतना मगन हो गए की, धीरे धीरे करके बच्चा और भेड़िया गाओं की और बढ़ रहेथे ,

और भेड़िया को पता भी नहीं चल रहाथा।

इतने मैं गाओं पास बच्चा पहंच गए, और बच्चा ने देखा की उनका पालतू कुत्ता आस पास घूम रहा था,

तो बच्चा ने कुत्ता को बुलाया जैसे ही बुलाया तो कुत्ता ने भाग के आया,

जैसे ही कुत्ता भाग के जारहा था तो गाओं के और भी कुत्ते साथ जाने लगे। भेड़िया और बच्चे की कहानी

जैसे सारे कुत्ते बच्चे के पास आगये, तो भेड़िये इतने सारे कुत्ते को देख के डरके जंगल मैं भाग गया और भेड़िया जंगल मैं पहंच के मन ही मन सोचा,

अरे बापरे इतने सारे कुत्ते आज तो मेरा मरना तय ही था।

सोचाथा आज एक बढ़िया सा खाना मिलगया, लेकिन मैं खुद खाना बन जाता।

और इधर बच्चा गाओं को आगया और मन ही मन सोचा की कभी बी मैं और किसीको गाली नहीं दूंगा,

और सबको सन्मान दूंगा।

नैतिक: चतुराई हमेशा शक्ति को हरा देती है।

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